Jata Tavi Galaj Pravahapavitasthale Lyrics | Har Har Shiv Shankar Neelkanth Gangadhar Song Lyrics
LYRICS
जटाट वीग लज्जल प्रवाह पावित स्थले |
गलेवलम्ब्य लम्बितां भुजंग तुंग मालिकाम् |
डम डूम डूम डूम निवाद वड्डमर्वयम् |
चकार चंड तांडवम् तनोतु नः शिवः शिवम् ||
हर हर शिव शंकर नीलकंठ गंगाधर |
आये शरणम् तिहारे |
ज्ञान ऐसो विशाल बैठे हो मृग ना छाये |
माथे चंद्र विराजे ||
जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी ।
विलोलवी चिवल्लरी विराजमानमूर्धनि ।
धगद्धगद्ध गज्ज्वलल्ललाट पट्टपावके
किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं ममं
जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्।
डमड्डमड्डमड्डमनिनादवड्डमर्वयं
चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम