Qayamat Hai Zalim Ki Neechi Nigahen Lyrics

Song: Na Rukte Hain Aansoo
Singer: Ustad Nusrat Fateh Ali Khan
Lyrics: Ustad Nusrat Fateh Ali Khan
Music: Ustad Nusrat Fateh Ali Khan

Qayamat Hai Zalim Ki Neechi Nigahen Lyrics

मोहब्बत की कोई मंज़िल नहीं है
मोहब्बत मौज है , साहिल नहीं है

मेरी अफ़्सुर्दगी पे हँसने वाले
तेरे पहलु में शायद दिल नहीं है

ना रुकते है आंसू ना थमते हैं नाले
ना रुकते है आंसू ना थमते हैं नाले
ना रुकते है आंसू ना थमते हैं नाले

ना थमते हैं नाले

ना रुकते है आंसू ना थमते हैं नाले

ना रुकते है आंसू

कोई उन से जा के ज़रा इतना कह दे
ना रुकते है आंसू ना थमते हैं नाले

ना रुकते है आंसू ना थमते हैं नाले

ना रुकते है आंसू ना थमते हैं नाले

क़ासिद प्ययं इ खत को देना बोहोत नए टूल
बस मुख्तसर यह कहना कि अब

ना रुकते है आंसू ना थमते हैं नाले
ना रुकते है आंसू ना थमते हैं नाले
ना रुकते है आंसू ना थमते हैं नाले

कहो कोई कैसे मोहब्बत छुपा ले

कहो कोई कैसे मोहब्बत….

कहो कोई कैसे मोहब्बत छुपा ले

कहो कोई कैसे मोहब्बत छुपा ले
कहो कोई कैसे मोहब्बत छुपा ले

करे क्या कोई वह जो आएँ यकायक

ए कराय क्या कोई…करे क्या कोई वह जो आएँ यकायक
निगाहों को रोके या दिल को संभाले
निगाहों को रोके या दिल को संभाले

चमन वाले बिजली से बोलें न चलें
चमन वाले बिजली से बोलें न चलें

चमन वाले बिजली से बोलें न चलें

चमन वाले बिजली से बोलें न चलें
गरीबों के घर बे-खता फूँक डालें
गरीबों के घर बे-खता फूँक डालें

गरीबों के घर बे-खता फूँक डालें

क़यामत है ज़ालिम की नीची निगाहें
क़यामत है ज़ालिम की नीची निगाहें…

क़यामत है ज़ालिम की नीची निगाहें

क़यामत है ज़ालिम की नीची निगाहें
ए ज़ालिम की नीची निगाहें, ज़ालिम की नीची निगाहें,
ज़ालिम की नीची निगाहें… आ

ज़ालिम की नीची निगाहें, ज़ालिम की नीची निगाहें
ज़ालिम की नीची निगाहें, ज़ालिम की नीची निगाहें
क़यामत है ज़ालिम की नीची निगाहें , क़यामत है ज़ालिम की नीची निगाहें

ज़ालिम की नीची निगाहें, ज़ालिम की नीची निगाहें
ज़ालिम की नीची निगाहें, ज़ालिम की नीची निगाहें

ज़ालिम की नीची निगाहें, ज़ालिम की नीची निगाहें
ज़ालिम की नीची निगाहें, ज़ालिम की नीची निगाहें

हिलना कम काम काली ने सीखा है, मेरे उन नीमबाज़ आँखों से
ज़ालिम की नीची निगाहें, ज़ालिम की नीची निगाहें

उन की नीची निगाहें, ज़ालिम की नीची निगाहें
क़ामयात है ज़ालिम की नीची निगाहें
खुदा जाने क्या हो जो नज़रें उठा लें
खुदा जाने क्या हो जो नज़रें उठा लें
खुदा जाने क्या हो जो नज़रें उठा लें…

खुदा जाने क्या हो जो नज़रें उठा लें

करून ऐसा सज्दा वह घबरा क कह दे
खुदा के लिये अब तो सर को उठा ले… आ

खुदा के लिये अब तो सर को उठा ले

तुम्हें बंदा परवर हमी जानते हैं
तुम्हें बंदा परवर हमी जानते हैं… आ

तुम्हें बंदा परवर हमी जानते हैं
तुम्हें बंदा परवर हमी जानते हैं, तुम्हें बंदा परवर हमी जानते हैं
तुम्हें बंदा परवर हमी जानते हैं, तुम्हें बंदा परवर हमी जानते हैं… आ

तुम्हें बंदा परवर हमी जानते हैं
तुम्हें बंदा परवर हमी जानते हैं, तुम्हें बंदा परवर हमी जानते हैं
तुम्हें बंदा परवर हमी जानते हैं, तुम्हें बंदा परवर हमी जानते हैं… आ

कभी हम से कभी गहीरूं से शनासाई है
बात कहने की नहीं तू भी तो हरजाई है
बस!

तुम्हें को हमी जानते हैं, तुम्हें को हमी जानते हैं…आ
तुम्हें को हमी जानते हैं, तुम्हें को…

हर एक बात पह कहते हो कि तू किआ है
तुम्हे बताऊँ यह अंदाज़ ऐ गुफ़्तुगू क्या है

तुम्हें को हमी जानते हैं, तुम्हें को हमी जानते हैं…आ

तुम्हें को हमी जानते हैं, तुम्हें को हमी जानते हैं

तुम्हें बंदा परवर हमी जानते हैं

बारे सीधे साढ़े, बारे भोले भाले

बारे सीधे साढ़े, बारे भोले भाले

बस इतनी सी दूरी, यह में हूँ या मंज़िल
बस इतनी सी दूरी, यह में हूँ या मंज़िल…

बस इतनी सी दूरी, यह में हूँ या मंज़िल
कहाँ आके फूटे हैं पाऊँ के छाले
कहाँ आके फूटे हैं पाऊँ के छाले

कमर में हूँ मुख्तार तंज़ीम इ शब् का
कमर में हूँ मुख्तार तंज़ीम इ शब् का

कमर में हूँ मुख्तार तंज़ीम इ शब् का
है मेरे ही बस में अंधेरे उजाले
है मेरे ही बस में अंधेरे उजाले

ना रुकते है आंसू ना थमते हैं नाले

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